ये संघर्ष
हर रोज़ गिरकर मुक्कमल खड़े हैं।
ये ज़िंदगी ज़रा गौर से देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।।
अब डर नहीं हार का कोई ।
क्योंकि दीवाने अब हम संघर्ष के जो हो चुके है हैं।।
✍️✍️रश्मि गुप्ता@@ Ray’s Gupta
हर रोज़ गिरकर मुक्कमल खड़े हैं।
ये ज़िंदगी ज़रा गौर से देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।।
अब डर नहीं हार का कोई ।
क्योंकि दीवाने अब हम संघर्ष के जो हो चुके है हैं।।
✍️✍️रश्मि गुप्ता@@ Ray’s Gupta