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23 Oct 2024 · 1 min read

ये शराफत छोड़िए अब।

ये शराफत छोड़िए अब।
बंधनों को तोडिए अब।।
कौन कब तक राह देखे,
वक्त को ही मोड़िए अब।।

— ननकी 23/10/2024

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