ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
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ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
जैसे तेरी जुल्फें बिखरी हुई हो
सीने में मेरे इश्क की अगन लगी हुई सी
जैसे चांदनी की छटा फैली हुई हो
देख अपने चांद को खिड़की की ओट से
आसमां इंद्रधनुष सा खिल रहा हो
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
जैसे तेरी जुल्फें बिखरी हुई हो
सीने में मेरे इश्क की अगन लगी हुई सी
जैसे चांदनी की छटा फैली हुई हो
देख अपने चांद को खिड़की की ओट से
आसमां इंद्रधनुष सा खिल रहा हो