ये मेरा इंदौर है
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“ ये मेरा इंदौर है “
शाम सुहानी, सर्द रातें
शबे मालवा का भी दौर है
ओ यारों, ये मेरा इंदौर है॥
राजवाडा राजाओं का
ठाठ- बाट दर्शाता है
माँ अहिल्या की नगरी
सबको देख हर्षाती है
सुंदर-मनमोहक छत्रियाँ
अतीत का वैभव झलकाती है ॥
माँ का इसे वरदान मिला है
बिजासन,अन्नपूर्णा का दिल लगा है
खजराना गणेश सर्वशक्तिमान है
रणजीत हनुमान हमारी आन है॥
सफ़ाई में अव्वल नंबर पर है
सात बार पदक जीत चुका हैं
आठवें की बस तैयारी है
पाँच सितारा रैंक मिल चुका है ॥
दिल से हम बहुत बड़े हैं
मदद को हरदम खड़े हैं
अदब हमारी शान है, “भैया”
कहकर बुलाना हमारी पहचान है ॥
कहलाते हम इंदौरी हैं
जीभ हमारी चटोरी है
खाने-पीने के हम शौक़ीन हैं
होटल,रेस्तराँ या हो ठेला
सब हमारी ही देन है ॥
पान भी यहाँ एक से बढ़कर एक है
मुँह में आग लगा दे, या फिर
तुम्हारे पास आकर बड़े प्यार से
तुम्हारे मुँह में खिला दें ॥
सारे भारत में मचा यही शोर है
ओ यारों, ये मेरा इंदौर है ॥
स्वरचित और मौलिक
उषा गुप्ता , इंदौर