Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2023 · 1 min read

ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन

ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन त महुं बेचहुं, अगर तुमन पुरानेच रद्दा‌ मा चलहुं कइहा त कभु डाँ. अम्बेडकर, डाँ. कलाम नइ‌ बन सका।

Language: Chhattisgarhi
319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
Madhuyanka Raj
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जीवन को
जीवन को
Dr fauzia Naseem shad
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
"तिलचट्टा"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द केवल शब्द नहीं हैं वो किसी के लिए प्राण हैं
शब्द केवल शब्द नहीं हैं वो किसी के लिए प्राण हैं
Sonam Puneet Dubey
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
संगीत विहीन
संगीत विहीन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
दिनाक़ 03/05/2024
दिनाक़ 03/05/2024
Satyaveer vaishnav
अब मैं
अब मैं
हिमांशु Kulshrestha
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तुम बिन
तुम बिन
Dinesh Kumar Gangwar
😢
😢
*प्रणय*
जनता नहीं बेचारी है --
जनता नहीं बेचारी है --
Seema Garg
मूंछ का घमंड
मूंछ का घमंड
Satish Srijan
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
Neelofar Khan
3459🌷 *पूर्णिका* 🌷
3459🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
जिस देश में कन्या पूजा की जाती हो उस देश में बेटी बचाओ योजना
जिस देश में कन्या पूजा की जाती हो उस देश में बेटी बचाओ योजना
Ranjeet kumar patre
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
मुस्कुराओ तो सही
मुस्कुराओ तो सही
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...