ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के नाम का किया जाए।
क्या सुंदर दिखना,सुंदर लगना,स्वयं को सजाना भी केवल किसी के नाम का होना चाहिए।
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के नाम का किया जाए।
क्या सुंदर दिखना,सुंदर लगना,स्वयं को सजाना भी केवल किसी के नाम का होना चाहिए।