Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2024 · 1 min read

ये बेजुबान हैं

ये बेजुबान हैं
अपने हक़ के लिए
लड़ नहीं सकते हैं
आप और हम इनका दर्द
समझ नहीं सकते हैं
पीड़ित हैं लेकिन अपनी पीड़ा
बता नहीं सकते हैं
खैर जिस धरती पर लोग
इंसानों को काटते मारते हैं
उनसे बेजुबानों के रहम की
क्या ही उम्मीद करना
_ सोनम पुनीत दुबे

2 Likes · 1 Comment · 140 Views
Books from Sonam Puneet Dubey
View all

You may also like these posts

कैसा होगा भारत का भविष्य
कैसा होगा भारत का भविष्य
gurudeenverma198
सहमा- सा माहौल
सहमा- सा माहौल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
Rituraj shivem verma
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मार न सकता कोई
मार न सकता कोई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Love Night
Love Night
Bidyadhar Mantry
तन, मन, धन
तन, मन, धन
Sonam Puneet Dubey
'ना कहने का मौसम आ रहा है'
'ना कहने का मौसम आ रहा है'
सुरेखा कादियान 'सृजना'
बाळक थ्हारौ बायणी, न जाणूं कोइ रीत।
बाळक थ्हारौ बायणी, न जाणूं कोइ रीत।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इल्म की रौशनी का
इल्म की रौशनी का
Dr fauzia Naseem shad
*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
Ravi Prakash
प्रेम का कोई रूप नहीं होता जब किसी की अनुभूति....
प्रेम का कोई रूप नहीं होता जब किसी की अनुभूति....
Ranjeet kumar patre
दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
शिवम राव मणि
#हे राम तेरे हम अपराधी
#हे राम तेरे हम अपराधी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
पूर्ण विराग।
पूर्ण विराग।
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
कटाक्ष
कटाक्ष
Shekhar Chandra Mitra
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ज़िद..
ज़िद..
हिमांशु Kulshrestha
"सुखी हुई पत्ती"
Pushpraj Anant
"हम नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Today's Reality: Is it true?
Today's Reality: Is it true?
पूर्वार्थ
घमंड
घमंड
Adha Deshwal
बहुत कठिन है पिता होना
बहुत कठिन है पिता होना
Mohan Pandey
अन्वेषा
अन्वेषा
Deepesh Dwivedi
फिर तुम्हारी याद
फिर तुम्हारी याद
Akash Agam
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
Loading...