ये बेजुबान हैं
ये बेजुबान हैं
अपने हक़ के लिए
लड़ नहीं सकते हैं
आप और हम इनका दर्द
समझ नहीं सकते हैं
पीड़ित हैं लेकिन अपनी पीड़ा
बता नहीं सकते हैं
खैर जिस धरती पर लोग
इंसानों को काटते मारते हैं
उनसे बेजुबानों के रहम की
क्या ही उम्मीद करना
_ सोनम पुनीत दुबे