ये नेता के खेल
ये नेता के खेल
आटा रिश्वत में लिया , हराम का है तेल|
बाकी सब बेगार में , ये नेता के खेल||
ये नेता के खेल , कमीशन मोटा आए|
सपलोटिए व सांप, सभी रल-मिल के खाएं||
कह सिल्ला कविराय, बाकी सभी में घाटा|
चले सियासत खूब, तो नहीं खुटता आटा||
-विनोद सिल्ला©