Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

ये दौर ही कुछ और है

वो जिस्मानी इश्क़ कुछ और था
ये रूहानी इश्क़ कुछ और हैं

वो दौर ही कुछ और था
ये दौर ही कुछ और है
– कृष्ण सिंह

Language: Hindi
130 Views

You may also like these posts

गलत चुनाव से
गलत चुनाव से
Dr Manju Saini
वो परिंदा, है कर रहा देखो
वो परिंदा, है कर रहा देखो
Shweta Soni
रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"खुद्दारी"
Dr. Kishan tandon kranti
संन्यास से त्याग तक
संन्यास से त्याग तक
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
आंधी
आंधी
Aman Sinha
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मौसम और हम तुम.......
मौसम और हम तुम.......
Neeraj Agarwal
नजर
नजर
Rajesh Kumar Kaurav
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
$úDhÁ MãÚ₹Yá
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
- खामोश मोहब्बत -
- खामोश मोहब्बत -
bharat gehlot
“अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ...
“अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ...
Sunil Suman
2470.पूर्णिका
2470.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
Dr. Narendra Valmiki
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*संतान सप्तमी*
*संतान सप्तमी*
Shashi kala vyas
पावन भारत भूमि
पावन भारत भूमि
Dr. P.C. Bisen
अपने एहसास
अपने एहसास
Dr fauzia Naseem shad
देश को समझें अपना
देश को समझें अपना
अरशद रसूल बदायूंनी
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
भारत के जोगी मोदी ने --
भारत के जोगी मोदी ने --
Seema Garg
You lived through it, you learned from it, now it's time to
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*घर आँगन सूना - सूना सा*
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...