ये खोये, वो खोये, सब खोये, जीवन खोये l
ये खोये, वो खोये, सब खोये, जीवन खोये l
प्राणी, प्रकृति और माटी कभी ना छोड़ पाये ll
प्यास, जिससे अंग अंग गढा, बढ़ा, चढा व रहा l
उससे अंग जुड़े रहे, कभी न मुह मोड़ पाये ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
ये खोये, वो खोये, सब खोये, जीवन खोये l
प्राणी, प्रकृति और माटी कभी ना छोड़ पाये ll
प्यास, जिससे अंग अंग गढा, बढ़ा, चढा व रहा l
उससे अंग जुड़े रहे, कभी न मुह मोड़ पाये ll
अरविन्द व्यास “प्यास”