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9 Aug 2024 · 1 min read

ये कैसी मंजिल है इश्क की…..

ये कैसी मंजिल है इश्क की…..
एक ही इन्सान क्यु
इतना मजबूर हो जाता है….
और दूसरा ज़ख्म पे ज़ख्म
दिये जाता है

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