ये किस धर्म के लोग है
ये किस धर्म के लोग है, बुरे जो कर्म करते हैं।
नहीं डरते जो ईश्वर से भी, पाप ऐसे जो करते हैं।।
ये किस धर्म के लोग है——————-।।
लेते हैं रिश्वत करने को काम, ठगते हैं जो जनता को।
करते हैं चोरी और लूटपाट, डराते हैं जो जनता को।।
नहीं खौफ जिनको कानून का, हत्या ऐसे जो करते हैं।
नहीं डरते जो ईश्वर से भी, पाप ऐसे जो करते हैं।।
ये किस धर्म के लोग है——————-।।
अपशब्दों में बात करते हैं, नहीं इनको माँ-बहिन की।
दुष्कर्म करते हैं नारी से, नहीं इनको शर्म भगवान की।।
बनकर वहशी और जालिम, जुल्म निर्दोषों पे करते हैं।
नहीं डरते जो ईश्वर से भी, पाप ऐसे जो करते हैं।।
ये किस धर्म के लोग है——————-।।
जलाते हैं घर और इंसान, बलवें देश में करवाकर।
करते हैं देश को बर्बाद, सौदा वतन का करवाकर।।
छोड़कर धर्म और फर्ज को, गद्दारी देश से करते हैं।
नहीं डरते जो ईश्वर से भी, पाप ऐसे जो करते हैं।।
ये किस धर्म के लोग है——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)