यूरोपीय नवजागरण
आज से पांच सौ साल पहले ही यूरोप में जो पत्र-पत्रिकाएं निकलती थीं, जो पुस्तकालय-वाचनालय खुले थे और जो तर्क-वितर्क का माहौल था-वह भारत में आज भी दुर्लभ है। आप ही बताएं यहां वैज्ञानिक क्रांति होगी भी तो कैसे?
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