यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
वाह वाह नहीं कर देता
किसी को अपनी कहानी तो
किसी को अपनी जिंदगी के
पुराने ख्वाब नजर आ जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
यूं ही कोई शायरी में
वाह वाह नहीं कर देता
किसी को अपनी कहानी तो
किसी को अपनी जिंदगी के
पुराने ख्वाब नजर आ जाते हैं
शिव प्रताप लोधी