यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
नसीब जो मुकम्मल हुआ, दिल में जगह बना बैठे
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
नसीब जो मुकम्मल हुआ, दिल में जगह बना बैठे
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”