यूँ ही बीतते जाएंगे
यूँ ही बीतते जाएंगे
ये सुबह, ये शाम, दिन
और रात,
ये मौसम,
ये महीने और साल,
फ़िर एक नया साल
आएगा नयी उम्मीदों के साथ
नयी चेतना, नयी आशाएं
नये सपने
कुछ पायेंगे नया,
कुछ अधूरा रह जायेगा
एक साल ही तो है
बस यूँ ही गुज़र जायेगा
नववर्ष 2025 की अग्रिम शुभकामनाएं,
आपके सभी के सपनें पूरे हों
हिमांशु Kulshrestha