यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
उसके जुनूँन में तो सूरज की आग है फ़ना हो जाओगे
गुजरा हुवा कल आज भी उनकी यादों में महफ़ूज है
उनके नामोनिशां मिटाने में तुम्ही रवाना हो जाओगे..!
®© -‘अशांत’ शेखर
31/03/2023