Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2020 · 1 min read

यूँ बाहर मत घूमिए

लॉक डाउन हटा है,संकट नहीं घटा है,
बिना मतलब के ही, हाट मत घूमिए।

खुद को रखें जी साफ,घर पर नहाइए,
नदी किनारे जाकर, घाट मत घूमिए।

घूमने को है बहुत,अभी तो समय पड़ा,
इधर-उधर कहीं भी, बाट मत घूमिए।

लापरवाही आपकी,पड़ जाएगी महंगी,
सजाकर अपना ये, ठाट मत घूमिए।

3 Likes · 4 Comments · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
23/70.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/70.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य -  Fractional Detachment  
Atul "Krishn"
*पतंग (बाल कविता)*
*पतंग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी ।
सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी ।
Arvind trivedi
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"संलाप"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
yuvraj gautam
जिंदगी की राहों पे अकेले भी चलना होगा
जिंदगी की राहों पे अकेले भी चलना होगा
VINOD CHAUHAN
जीवन में ऐश्वर्य के,
जीवन में ऐश्वर्य के,
sushil sarna
मां होती है
मां होती है
Seema gupta,Alwar
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
हिंदी
हिंदी
Mamta Rani
मतदान
मतदान
Dr Archana Gupta
आउट करें, गेट आउट करें
आउट करें, गेट आउट करें
Dr MusafiR BaithA
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राजयोग आलस्य का,
राजयोग आलस्य का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
डॉक्टर रागिनी
#Dr Arun Kumar shastri
#Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ सियासत के पाखण्ड। सुर्खी में आने के बीसों बहाने।।😊😊
■ सियासत के पाखण्ड। सुर्खी में आने के बीसों बहाने।।😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
shabina. Naaz
प्रत्यक्षतः दैनिक जीवन मे  मित्रता क दीवार केँ ढाहल जा सकैत
प्रत्यक्षतः दैनिक जीवन मे मित्रता क दीवार केँ ढाहल जा सकैत
DrLakshman Jha Parimal
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
ई-संपादक
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पिता संघर्ष की मूरत
पिता संघर्ष की मूरत
Rajni kapoor
ज़िन्दगी तुमको ढूंढ ही लेगी
ज़िन्दगी तुमको ढूंढ ही लेगी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...