यूँही चलते है कदम बेहिसाब
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
रुकने को मंजूर नही
शोर नही करते
ख़ामोशी से बनाते है अपना अलग मुकाम
वाही वाही लूटने कें
सच्चे विजेता होते शौकीन नही✌🏻
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
रुकने को मंजूर नही
शोर नही करते
ख़ामोशी से बनाते है अपना अलग मुकाम
वाही वाही लूटने कें
सच्चे विजेता होते शौकीन नही✌🏻