अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
धधक रही हृदय में ज्वाला --
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
■ बात सब पर लागू। नेताओं पर भी।।
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है