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15 Jun 2021 · 1 min read

युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए

हथियारों से
पटी हुई यह
युद्धों की दुनिया
मर जाएगी
बनी नहीं जो
बुद्धों की दुनिया…
(1)
पागलपन की
होड़ मची है
कैसी अंधी
दौड़ लगी है
सड़े-गले पर
आंख गड़ाए
गिद्धों की दुनिया
मर जाएगी
बनी नहीं जो
बुद्धों की दुनिया…
(2)
सारे लोग हैं
भांग चढ़ाए
कौन किसको
राह दिखाए
मूर्खों के सिर
पर चढ़ी हुई
धूर्तों की दुनिया
मर जाएगी
बनी नहीं जो
बुद्धों की दुनिया…
(3)
सत्ता और पूंजी के
मेल से
सदियों से जारी है
खेल ये
धर्मों का धंधा
करते हुए
लुच्चों की दुनिया
मर जाएगी
बनी नहीं जो
बुद्धों की दुनिया….
(४)
बुद्धं शरणं गच्छामि
धम्मं शरणं गच्छामि
संघं शरणं गच्छामि
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#युद्धयाबुद्ध
#YuddhaOrBuddha
#Buddhism
#BahujanMovement
#Ambedkarism
#ओशोविजन
#AntiWarPoetry

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Comments · 467 Views
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