युग बदल गया
युग बदल गया
कलयुग में त्रेतायुग आया,अवध विराजे राम।
दर्शन करने दूर देश से,आते लोग तमाम।
साधु संत सब महिमा गाते,भक्त करें जयकार।
त्रेता जैसी लगे अयोध्या,सजा राम दरबार ।
कुछ आते है निज साधन से, कुछ पैदल दिन रात।
कहते सुनते रामकहानी,रामानंदी गात।
खुश होते हैं भारतवासी,सिया राम के राज ।
त्रेता जैसा हुआ नजारा,धर्म नीति जन काज।
बदल गया कलियुग क्यों भाई,करना खूब विचार।
धन्य जन्म अब राम सहारा,जीवन नौका पार।
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