उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
कोई गज़ल गा दीजिए
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
यह देश भी क्या कोई देश है?
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
■ "डमी" मतलब वोट काटने के लिए खरीद कर खड़े किए गए अपात्र व अय
सबने मिलकर जिसको आगे बढ़ाया,
मैं उसका और बस वो मेरा था
- दिल की बाते शायद में मेरे दिल में रख पाऊ -