यारा तुम बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
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यारा तुम बिन गुजारा नहीं,
जग में कोई सहारा नहीं।
बात दिल की मै कैसे कहूँ,
पीर पर्वत सी कैसे सहूँ,
दर्द ए दिल में हमारा नहीं।
यारा तुम बिन गुजारा नहीं।
पत्थर हृदय पिंघलता नहीं,
हाथ प्रिया से मिलता नहीं,
कोई उन सा दुलारा नहीं।
यारा तुम बिन गुजारा नही।
बैठ जा पास पल दो घड़ी,
तोड़ ना यूँ हमसे तुम लड़ी,
डूबतों को किनारा नहीं।
यारा तुम बिन गुजारा नहीं।
मनसीरत की हो जाने जां,
मान जाओ भी कर दो हाँ,
रहना तुम बिन गवारा नहीं।
यारा तुम बिन गुजारा नही।
यारा तुम बिन गुजारा नहीं।
जग मे कोई सहारा नहीं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)