‘यायावर’
‘यायावर’
??
“हर यायावर जिंदा होते।
भटके जैसे परिंदा होते।
निज किस्मत से, कभी;
खुद ना ये,शर्मिंदा होते।”
~~~~~~~~~~~~~
©®✍️पंकज कर्ण
………..कटिहार।।
‘यायावर’
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“हर यायावर जिंदा होते।
भटके जैसे परिंदा होते।
निज किस्मत से, कभी;
खुद ना ये,शर्मिंदा होते।”
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©®✍️पंकज कर्ण
………..कटिहार।।