याद किसी की आई है
ऐ हवा रुक -रुक के चल ,
ए किसे छूकर आई है ।
मत कर छिन्न- भिन्न बदलो को,
तस्बीर उसकी बनाई है ।
ऐ वक्त थोड़ा ठहर जा ,
याद किसी की आई है ।
ऐ हवा रुक -रुक के चल ,
ए किसे छूकर आई है ।
मत कर छिन्न- भिन्न बदलो को,
तस्बीर उसकी बनाई है ।
ऐ वक्त थोड़ा ठहर जा ,
याद किसी की आई है ।