याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
रख खुदको संसार की, फ़िक्रों से आज़ाद
फ़िक्रों से आज़ाद, राह तुम अपनी खोजो
सांसें बची न शेष, श्रेष्ठतम क्या है सोचो
महावीर कविराय, छोड़ भय काम चलेगा
दे अपना तू श्रेष्ठ, तुझे जग याद करेगा
महावीर उत्तरांचली