Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2024 · 1 min read

यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान ।

यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान ।
हर पन्ने पर दर्द के, सिसक रहे अरमान ।
ख्वाबों के हैं जलजले ,बेचैनी की गीत –
हासिल उल्फ़त में हुए, अश्कों के तूफान ।

सुशील सरना / 15-7-24

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
Ravi Betulwala
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
सत्य कुमार प्रेमी
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
मैं अकेली हूँ...
मैं अकेली हूँ...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भोले
भोले
manjula chauhan
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
gurudeenverma198
शिक्षक है  जो  ज्ञान -दीप  से  तम  को  दूर  करे
शिक्षक है जो ज्ञान -दीप से तम को दूर करे
Anil Mishra Prahari
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
रो रही है मॉं
रो रही है मॉं
SATPAL CHAUHAN
सब्र का बांँध यदि टूट गया
सब्र का बांँध यदि टूट गया
Buddha Prakash
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम आज़ाद या गुलाम ?
हम आज़ाद या गुलाम ?
Pooja Singh
तेरी याद ......
तेरी याद ......
sushil yadav
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
#गणतंत्र_का_अमृत_वर्ष
#गणतंत्र_का_अमृत_वर्ष
*प्रणय प्रभात*
सीरिया रानी
सीरिया रानी
Dr. Mulla Adam Ali
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
Madhuyanka Raj
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
DrLakshman Jha Parimal
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
तुमको  खोया  नहीं गया हमसे।
तुमको खोया नहीं गया हमसे।
Dr fauzia Naseem shad
वक्त से पहले..
वक्त से पहले..
Harminder Kaur
*भक्ति के दोहे*
*भक्ति के दोहे*
Ravi Prakash
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"जेब्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
हुई कोशिशें सदियों से पर
हुई कोशिशें सदियों से पर
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...