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28 Sep 2023 · 1 min read

” यादों की शमा”

” यादों की शमा”
चलते चलते बचपन की खेलने की मस्तियों की यादें,
युवावस्था की उमंगों से भरी राहें,
वर्षों की समझदारी से भरपूर पाठशाला,
ये सब शमा की दीप से जलकर प्रकट हो रहें।

जीवन की दुःख सुख की कहानियों में छुपी,
गहराइयों को यह शमा हमें दिखाती है।
उन अनमोल पलों का आभास होता है,
जिन्हें समय लिपट कर संजोती है।

“पुष्पराज फूलदास अनंत”

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