यादों का गुलज़ार !!
मैं प्यासा राही रहा , तुम हो बहती धार!
भर-भर अंजुली बाँट दो, मुझको साथी प्यार !!
तुमने जब यूं प्यार से, देखा मेरे मीत !
थिरकन पांवो में सजी, होंठो पे संगीत !!
महक रहा है आज भी , तेरा-मेरा प्यार !
यादों के संसार में , बनकर के गुलज़ार !!
वक़्त हुआ ज्यों धुंधला, भूले सारी बात !
भूल सके ना हम कभी, साथी तेरा साथ !!
ख़त वो पहले प्यार का , देखू जितनी बार !
महका-महका-सा लगे, यादों का गुलज़ार !!
पंछी बन के उड़ चले, मेरे सब अरमान !
देख बिखेरी प्यार से, जब तुमने मुस्कान !!
छुप-छुप नैना जब लगे, करने आपस बात !
होंठों पे आने लगे, दिल के सब जज्बात !!
तुम साथी दिल में रहे, जीवन भर आबाद !
बोलो तुमने भी किया , पल भर हमको याद !!
आँखों में बस तुम बसे , दिन हो चाहे रात !
साथी तेरे बिन लगे , सूनी हर सौगात !!
लिखकर ख़त से भेजिए, साथी सारा हाल !
ख़त पाए अब आपका , बीते काफी साल !!
बिछड़े साथी तुम कहाँ , लौटो मेरे पास !
कब से तुमको खोजते , मेरे नैन उदास !!
मन दर्पण में देख लू , जब तेरी तस्वीर !
आंसूं बन के बह चले , मेरे मन की पीर !!
खुदा मानकर आपको , सजदे किया हज़ार !
फिर क्यों छोड़ चले मुझे , यूं बीच मंझधार !!