Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2023 · 1 min read

“यादें”

“यादें”
गहरी है यादें,
यादों में तुम ।
ना जाने कहां,
चले गए तुम।
जाना ही था,
तो आए ही क्यों।
अपना पन,
जताए ही क्यों।
……✍️ योगेंद्र चतुर्वेदी

297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*फिर तेरी याद आई दिल रोया है मेरा*
*फिर तेरी याद आई दिल रोया है मेरा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मोहल्ला की चीनी
मोहल्ला की चीनी
Suryakant Dwivedi
नदी की मुस्कान
नदी की मुस्कान
Satish Srijan
When you start a relationship you commit:
When you start a relationship you commit:
पूर्वार्थ
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मै उन्हें  क्यूं ना चाहूँ, जिन्होंने मुझे ऊँगली पकड़ कर चलना
मै उन्हें क्यूं ना चाहूँ, जिन्होंने मुझे ऊँगली पकड़ कर चलना
Neelofar Khan
" ये जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
एक है ईश्वर
एक है ईश्वर
Dr fauzia Naseem shad
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दुआओं में जिनको मांगा था।
दुआओं में जिनको मांगा था।
Taj Mohammad
" क़ैद में ज़िन्दगी "
Chunnu Lal Gupta
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
🙅आग्रह🙅
🙅आग्रह🙅
*प्रणय*
Legal Quote
Legal Quote
GOVIND UIKEY
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
4160.💐 *पूर्णिका* 💐
4160.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सम्मान
सम्मान
Sunil Maheshwari
धर्म या धन्धा ?
धर्म या धन्धा ?
SURYA PRAKASH SHARMA
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
दीप का सच
दीप का सच
Neeraj Agarwal
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
डॉ० रोहित कौशिक
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
VINOD CHAUHAN
"मेरे देश की मिट्टी "
Pushpraj Anant
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
Loading...