यादकर साईं राम की
इस भजन का वीडियो लिंक भी उपलब्ध है कृपया मेरे व्हाटसएप्प 8178871097 या जीमेल: m.uttranchali@gmail.com से मंगवायें।
मायूस न हो साईं के दर पे बदल जाएँगी तस्वीरें
हर लेंगे पलभर में दुःख साईं, बदल जाएँगी तकदीरें // शे’र //
अपने भीतर, तू निरंतर, लौ जला ईमान की
तम के बादल भी छंटेंगे, यादकर साईं राम की // मुखड़ा //
अपने भीतर तू निरंतर …………………..
साईं के ही नूर से है , रौशनी संसार में
वो तेरी कश्ती संभाले, जब घिरे मंझधार में
हुक्म उसका ही चले, औकात क्या तूफ़ान की //1.//
अपने भीतर तू निरंतर …………………..
माटी के हम सब खिलोने, खाक जग की छानते
टूटना है कब, कहाँ, क्यों, ये भी हम ना जानते
सब जगह है खेल उसका, शान क्या साईं राम की //2.//
अपने भीतर तू निरंतर …………………..
दीन-दुखियों की सदा तुम, झोलियाँ भरते रहो
जिंदगानी चार दिन की, नेकियाँ करते रहो
नेकियाँ रह जाएँगी, निर्धन की और धनवान की //3.//
अपने भीतर तू निरंतर …………………..
आँख से गिरते ये आँसू, मोतियों से कम नहीं
कर्मयोगी कर्म कर तू, मुश्किलों का ग़म नहीं
दुःख से जो कुंदन बना, क्या बात उस इंसान की //4.//
अपने भीतर तू निरंतर …………………..