यह सियासतदार …
यह सियासतदार चाहे हो किसी भी मुल्क के,
बने होते है सारे एक ही मिट्टी के बने हुए ।
होता है इनकी कथनी और करनी में बड़ा फर्क,
वायदा निभाते वक्त देखा है इन्हें जुबान से फिरते हुए।
मगरमच्छ के आंसू बहाना इनकी खासियत है,
वरना इनका क्या वास्ता कोई गम में डूब जाए।
इनको तब एहसास हो जब खुद किसी गम से गुजरे,
टूटे पहाड़ इनपर पर तब इनको सुध आए ।