यह सच है कि
यह सच है कि तू खूबसूरत है, मगर इसका मतलब यह तो नहीं।
मैं तुमसे करता हूँ मोहब्बत, यह शक है तेरा, और कुछ नहीं।।
यह सच है कि ——————————।।
मैं करता हूँ तेरी तारीफ यहाँ, इस महफ़िल में अपने लफ्ज़ में।
तू नूर है सबकी निगाहों में, हर निगाह टिकी है तेरे हुस्न पर।।
यह सच है कि तू हुर्र है, मगर इसका मतलब यह तो नहीं।
मैं हूँ दीवाना तेरे हुस्न का, यह शक है तेरा और कुछ नहीं।।
यह सच है कि —————————।।
तू लगती है मुझको एक शायरी, गा रहा हूँ इसीलिए गज़ल।
तू है तिलिस्म मेरी साज में, बढ़ना है तुमको आगे सम्भल।।
यह सच है कि तू एक राग है, मगर इसका मतलब यह तो नहीं।
कि तुम हो मेरी जीवन संगिनी, यह शक है तेरा और कुछ नहीं।।
यह सच है कि —————————।।
कैसे मान लूँ तू संगदिल नहीं, कैसे मैं तुमपे एतबार करूँ।
चाहता होगा तुम्हें कोई और भी, कैसे मैं तुमसे प्यार करूँ।।
यह सच है कि तू दिलकश है, मगर इसका मतलब यह तो नहीं।
मैं छोड़ दूँ दुनिया तेरे लिए, यह शक है तेरा और कुछ नहीं।।
यह सच है कि ——————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)