यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
बरसों से बहुत चुप्पी इस देश में थी।
सब छोटी-बड़ी आवाज़ों को था दबाया जाता,
पर नहीं यह आवाज़ें अब से दबेंगी।।
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
बरसों से बहुत चुप्पी इस देश में थी।
सब छोटी-बड़ी आवाज़ों को था दबाया जाता,
पर नहीं यह आवाज़ें अब से दबेंगी।।