Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2017 · 2 min read

यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।।

नवगीत।यह पहली तस्वीर तुम्हारी।।

इन पलकों को छावों में
उत्प्रेरित मन भावों में
उभरते गये फूल पर फूल
पर सबको जाता हूँ भूल
जो लगती है दिल को प्यारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 1।।

सिहर गया अंतर्मन मेरा
जब नयनों को तुम पर फेरा
जहां कही टिकती है पलकें
बस तेरी तस्वीर ही झलके
जिससे जुडी है आशा सारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 2।।

कितने कोमल भाव उभरते
निर्मल निर्मित भाव सवरते
उर विदीर्ण कर जाते चोट
अहसनीय तब हुई कचोट
प्रबल हुआ भाव संचारी।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 3।।

यही सोच उर मिले सफलता
मिल जाये अतिसीघ्र निकटता
विफल न हो यह विकल वेदना
खुल जाये यह कही भेद न
जिसकी करता पहरेदारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 4।।

चाहा हूं जब परिचय पाना
तेरा बिल्कुल चुप हो जाना
अपनी पसंद में बना सयाना
बाहों में लेकर सो जाना
कितनी ऐसी रात गुजारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 5।।

पुष्पो सा तुम खिल जाते हो
साँसों में तुम मिल जाते हो
आँखों से न ओझल होना
न हृदय की आस भिगोना
हमने सबकी आस बिसारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 6।।

अंधकार जब होने लगता
सूरज भी जब सोकर जगता
मैं भी हो जाता तैयार
जगकर देता रात गुजार
सो जाती है दुनिया सारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 7।।

जिसे निरख मैं समय बिताता
छणभर भी अब नही गवाता
जब से नजर पड़ी रंगों पर
तब से दृग उलझे अंगों पर
क्या माया की जाल पसारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 8।।

अंगरहित है बना शरीर
मन व्याकुल उर हुआ अधीर
कर दूँ तुमको हृदय अर्पित
तुम अभाओं से नवनिर्मित
ईश्वर ने की नही बेगारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 9।।

जब हूं अपनी पलक झपाता
हलचल में धीरज खो जाता
जब हूं अपनी पलक उठाता
दुनिया भर से धोखा पाता
अब धोखे की अंतिम बारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 10।।

तुम हो एक अनोखी रचना
मेरे मन मंदिर में बसना
फैला उर सन्ताप हरूँ मैं
निशिदिन वार्तालाप करू मैं
तुम पर रखूं पहरेदारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।। 11।।

जल बिन सूना यह संसार
पथिक बिना ज्यो पंथ बेकार
तर्क बिना नीरस ज्यो बात
तुम बिन सूनी वैसी गात
मै ही हूं तेरा अधिकारी ।
यह पहली तस्वीर तुम्हारी ।।12।।

© राम केश मिश्र

Language: Hindi
Tag: गीत
512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
3970.💐 *पूर्णिका* 💐
3970.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
Ajit Kumar "Karn"
गंगा...
गंगा...
ओंकार मिश्र
बहुत से लोग आएंगे तेरी महफ़िल में पर
बहुत से लोग आएंगे तेरी महफ़िल में पर "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
अपनी राह
अपनी राह
Ankit Kumar Panchal
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
" मन भी लगे बवाली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
🙅कड़वा सच🙅
🙅कड़वा सच🙅
*प्रणय*
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"तजुर्बा"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
SURYA PRAKASH SHARMA
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घनघोर अंधेरी रातों में
घनघोर अंधेरी रातों में
करन ''केसरा''
One fails forward toward success - Charles Kettering
One fails forward toward success - Charles Kettering
पूर्वार्थ
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
साधा तीखी नजरों का निशाना
साधा तीखी नजरों का निशाना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...