यह दिल न तुमको देते ___ मुक्तक
जाना ही था दूर तुम्हें तो पहले हमको तो बतलाते।
यह दिल न देते तुमको, पास तुम्हारे हम न आते।।
अब कैसे रह पाएंगे ,दूरी तुम्हारी कैसे सहेंगे।
सपने जो सजा बैठे कम से कम वे तो न सजाते।।
राजेश व्यास अनुनय
जाना ही था दूर तुम्हें तो पहले हमको तो बतलाते।
यह दिल न देते तुमको, पास तुम्हारे हम न आते।।
अब कैसे रह पाएंगे ,दूरी तुम्हारी कैसे सहेंगे।
सपने जो सजा बैठे कम से कम वे तो न सजाते।।
राजेश व्यास अनुनय