यही प्रार्थना राखी के दिन, करती है तेरी बहिना
शीर्षक- यही प्रार्थना राखी के दिन,करती है तेरी बहिना
——————————————————————
(शेर)- तेरी आँखों में आँसू मैं , देख नहीं सकती कभी।
तुमसे अपना यह रिश्ता मैं, तोड़ नहीं सकती कभी।।
मेरी खुशी और मेरी जान, सच कहूँ तुझमें ही बसी है।
करती हूँ तुम पर कुर्बान मैं, मेरे सपनें और सुख सभी।।
——————————————————————
यही प्रार्थना राखी के दिन, करती है तेरी बहिना।
मेरे भाई को भगवान तू , खुशहाल हमेशा रखना।।
यही प्रार्थना राखी के दिन————————-।।
दुनिया में सबसे ज्यादा प्यारा, मुझको मेरा भाई है।
मेरी जान, मेरी आँखों का तारा, तू मेरा भाई है।।
भगवान हमेशा तू रोशन, मेरे भाई को रखना।
यही प्रार्थना राखी के दिन——————–।।
लगती है तुमको चोट तो, आ जाते हैं आँसू मेरे।
तेरी खुशी, तेरे सपनों में, बसते हैं सपनें मेरे।।
भगवान हमेशा तू आबाद, मेरे भाई को रखना।
यही प्रार्थना राखी के दिन———————–।।
तू ही मेरा राम- कृष्ण, तू ही मेरा भगवान है।
तू ही मेरी आन- शान, तू ही तो मेरी जान है।।
भगवान हमेशा तू सुखी, मेरे भाई को रखना।
यही प्रार्थना राखी के दिन——————–।।
तुमसे और कुछ नहीं, तेरा साथ हमेशा चाहिए।
सुभद्रा को भाई कृष्ण का, प्यार हमेशा चाहिए।।
तेरी बहिन सुगना की लाज, भाई हमेशा रखना।
यही प्रार्थना राखी के दिन———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)