यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया।
देना सबको खुशियां, मोरी छठ मैया।।
ममता सभी पर, तू छठ मैया रखना।
रखना सुखी सबको, मोरी छठ मैया।।
यही चाहूँ तुमसे———————।।
ब्रह्मा की बेटी तू , सूरज की है बहिना।
धन- धान्य से तू , आबाद सबको रखना।।
सबकी खुशहाली की, तुमसे है प्रार्थना।
भरना गोद सब नारी की, मोरी छठ मैया।।
यही चाहूँ तुमसे———————।।
तुझमें है मैया, सबकी गहरी आस्था।
रखना बनाये तू , सबका मैया रिश्ता।।
सम्पन्न, निरोगी हो, जीवन सभी का।
निर्मल बनाना सबको, मोरी छठ मैया।।
यही चाहूँ तुमसे———————।।
खरना, ठेकुआ का, भोग लगायें तुमको।
माता सीता- द्रोपदी ने, पूजा है तुमको।।
मनोकामना सभी की, पूरी तू करना।
प्रेम- शान्ति वतन में, रखना छठ मैया।।
यही चाहूँ तुमसे———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)