Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2018 · 1 min read

यही आपका प्यार

आता-जाता है बहुत, तुमको मेरे यार ।
यही बड़प्पन आपका, यही आपका प्यार ।।
यही आपका प्यार, आपका बनता संबल ।
मन जब खिले बहार, जीतता है फिर निर्बल ।।
कह दीपक कविराय,सभी के मन है भाता ।
मित्रवर आपका प्यार, रहे आता-जाता ।।

207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्ते का अहसास
रिश्ते का अहसास
Paras Nath Jha
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अमर्यादा
अमर्यादा
साहिल
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
Buddha Prakash
माँ-बाप का किया सब भूल गए
माँ-बाप का किया सब भूल गए
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अंतिम क्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
अंतिम क्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
Bimal Rajak
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
नेताम आर सी
3224.*पूर्णिका*
3224.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
* ज्योति जगानी है *
* ज्योति जगानी है *
surenderpal vaidya
Tujhe pane ki jung me khud ko fana kr diya,
Tujhe pane ki jung me khud ko fana kr diya,
Sakshi Tripathi
#व्यंग्य
#व्यंग्य
*Author प्रणय प्रभात*
अध्यापकों का स्थानांतरण (संस्मरण)
अध्यापकों का स्थानांतरण (संस्मरण)
Ravi Prakash
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
कवि रमेशराज
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
प्रेमदास वसु सुरेखा
💐प्रेम कौतुक-554💐
💐प्रेम कौतुक-554💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नाम सुनाता
नाम सुनाता
Nitu Sah
ज़िंदगी मायने बदल देगी
ज़िंदगी मायने बदल देगी
Dr fauzia Naseem shad
मौत का क्या भरोसा
मौत का क्या भरोसा
Ram Krishan Rastogi
इंक़लाब आएगा
इंक़लाब आएगा
Shekhar Chandra Mitra
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
समय के खेल में
समय के खेल में
Dr. Mulla Adam Ali
"जिसका जैसा नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...