यही आपका प्यार
आता-जाता है बहुत, तुमको मेरे यार ।
यही बड़प्पन आपका, यही आपका प्यार ।।
यही आपका प्यार, आपका बनता संबल ।
मन जब खिले बहार, जीतता है फिर निर्बल ।।
कह दीपक कविराय,सभी के मन है भाता ।
मित्रवर आपका प्यार, रहे आता-जाता ।।
आता-जाता है बहुत, तुमको मेरे यार ।
यही बड़प्पन आपका, यही आपका प्यार ।।
यही आपका प्यार, आपका बनता संबल ।
मन जब खिले बहार, जीतता है फिर निर्बल ।।
कह दीपक कविराय,सभी के मन है भाता ।
मित्रवर आपका प्यार, रहे आता-जाता ।।