*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या लाभ …..?
और यदि चित्त एकाग्र ही है.?
तो कर्म करने की क्या आवश्यकता है..?
अतः बाहर और भीतर के कर्म करके या न करके जिस – किसी भी उपाय से भगवान शिव में चित्त लगाएं।
जिनका चित्त भगवान शिव में लगा हुआ है जिनकी बुद्धि सुस्थिर है, ऐसे सत्पुरुषों को इहलोक और परलोक में भी सर्वत्र परमानंद की प्राप्ति होती है।
ॐ नमः शिवाय
इस मंत्र जप करने से सभी सिद्धियां सुलभ होती है; अतः परावर विभूति ( उत्तम , मध्यम ऐश्वर्य) की प्राप्ति के लिए ॐ नमः शिवाय इस मंत्र का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।
ॐ नमः शिवाय
शिव महापुराण कथा
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