यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
बात न होंने से,बात बन्द हो जाती
यदि यें बात,अभी भी जारी है तो
समझ लो, कि बात कुछ और है
– केशव
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
बात न होंने से,बात बन्द हो जाती
यदि यें बात,अभी भी जारी है तो
समझ लो, कि बात कुछ और है
– केशव