यथार्थ की कसौटी
आप जो देखते हैं और अनुभव करते हैं वह हमेशा सत्य नहीं हो सकता है, जब तक कि निष्कर्ष पर पहुंचने एवं स्वयं की राय बनाने से पूर्व उसे अपनी विश्लेषण क्षमतानुसार यथार्थ की कसौटी पर परखा ना जाए।
आप जो देखते हैं और अनुभव करते हैं वह हमेशा सत्य नहीं हो सकता है, जब तक कि निष्कर्ष पर पहुंचने एवं स्वयं की राय बनाने से पूर्व उसे अपनी विश्लेषण क्षमतानुसार यथार्थ की कसौटी पर परखा ना जाए।