यंत्र और मानव।
आज के मानव का जीवन यंत्रों के आधीन हो गया है।मानव अपनी सुख सुविधाओं के लिए लगातार यंत्रो का निर्माण कर रहा है।उसका जीवन,सुखमय हो रहा है।यह उसे लग रहा है। लेकिन क्या वह भविष्य की बात जान सकता है।कि हमारी यांत्रिक शक्तियों का बल फेल हो जाता है।तब हमारी जिंदगी बर्बाद हो जायेगी। क्योंकि आज मनुष्य का जीवन पराधीन हो चुका है।आज का इंसान पूरी तरह से यंत्र बन चुका है।आज वह यंत्र के बिना पल भर भी नहीं जी सकता है।अगर हमारे देश का पावरग्रिड फेल हो जाये, तो हम पानी भी नहीं पी सकते हैं। क्योंकि सरकारी तंत्र भी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार नहीं है।जब हमारा जीवन सुख सुविधाओं पर निर्भर हो चुका है। मनुष्य के जीवन पर कभी भी संकट खड़ा हो सकता है।यह भविष्य बता रहा है।कम से कम एक मोहल्ले में एक कुआं होगा तो हम पानी तो पी सकते हैं।आज हमें किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। मानव जीवन को हम इस तरह बनाए कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समर्थ हो।यह यंत्र युक्त जीवन कभी भी संकट में पड़ सकता है।