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9 Aug 2022 · 1 min read

मज़ा आता सुनाने में

**मज़ा आता सुनाने में**
*** 1222 – 1222 ***

बहुत है गम ज़माने में,
लगें हैं हम निशाने में।

करो दिल खोलकर बातें,
रखा ना कुछ बहाने में।

सदा बांटों खुशी सारी,
बड़ा मीठा मखाने में।

ज़रा देखो मिले मौका,
छिपा आनंद दबाने में।

भरी गर मैल मन तेरे,
रखा क्या है बुलाने में।

कहानी है सितमगर की,
मज़ा आता सुनाने में।

न मनसीरत कभी हारा,
खुशी मिलती जिताने में।
*******************
सुखविंदर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 146 Views
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