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27 Feb 2024 · 1 min read

मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।

मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
इबादत जो मेरे हर गुनाह से मुझको बचाती है ।
तेरे एहसान कैसे भूल जाऊं मां बता मुझको।
तेरे आंचल तले ये जिंदगी हर मंजिल तलाश करती है।
Phool gufran

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