मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
इबादत जो मेरे हर गुनाह से मुझको बचाती है ।
तेरे एहसान कैसे भूल जाऊं मां बता मुझको।
तेरे आंचल तले ये जिंदगी हर मंजिल तलाश करती है।
Phool gufran
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
इबादत जो मेरे हर गुनाह से मुझको बचाती है ।
तेरे एहसान कैसे भूल जाऊं मां बता मुझको।
तेरे आंचल तले ये जिंदगी हर मंजिल तलाश करती है।
Phool gufran