मौसम में बदलाव
मौसम में बदलाव
मौसम में जबसे बदलाव हुआ।
हर सीने पर गहरा घाव हुआ।।
तड़प रहे परिन्दे पानी के लिए,
ठण्ड का जबसे अभाव हुआ।
मौसम में…
तरस रहे सब यहाँ बूँद- बूँद के लिए,
प्रेम बरसात का जबसे कम बहाव हुआ।
मौसम में…
गर्मी ने पकड़ी रफ्तार जबसे,
कई जिन्दगी की साँसों का ठहराव हुआ।
मौसम में…
मछलियाँ तैरने लगी रेत के टीलों पर,
सिर्फ दिलों में गमों का रिसाव हुआ।
मौसम में…
वो- वो ही नैया डुबो गया भारती,
जिस- जिससे भी यहाँ लगाव हुआ।
मौसम में जबसे बदलाव हुआ।
हर सीने पर गहरा घाव हुआ।।
सुशील भारती, नित्थर, कुल्लू (हि.प्र.)