*मौसम बदल गया*
मौसम बदल गया
शीतल मंद पवन बहे ,पतझड़ का मौसम फिजाएं बदल गई।
वो बसंत ऋतु की बहार ,पीली सरसों खिल गई।
इंद्रधनुषी सात रंगों में ,सुरभित मनभावन भा गई।
खिली बासंती बयार ,चटक रंग धरा पर बिखरा गई।
पीले वस्त्र पहने टेशू पलाश फूलों को देख मन हरषा गई।
बसंत ऋतु की सतरंगी छटा ,कुदरत भी देख मुस्करा गई।
रूठी चाँदनी छिटक कर ,प्रकृति के स्वरूप को देख निखर गई।
सर्दी से गर्मी का मौसम ,रुत बदल कर कुछ नई बात समझा गई।
शशिकला व्यास