— मौत का मंजर —
युवा पीढ़ी को नसीहत देने के लिए आज मैं एक छोटा सा लेख लिख रहा हूँ, कि देखो जीवन बहुत अनमोल है, एक बार ही मिला है, बाकी सौभाग्य हुआ तो दोबारा भगवान् दे ,अन्यथा न दे !
मैं यह कहना चाहता हूँ, कि सड़क पर जब आप चलते है, तो अपना ख्याल कैसे रखते हो, वो तो आप जानो, पर दूसरों का ख्याल रखते हुए अपने वाहन को चलाओ , अन्यथा हादसा किसी भी वक्त घटित हो सकता है, आज आये दिन सड़क पर अनगिनत हादसे हो रहे हैं, और बहुत ही कम चांस होते हैं, कि इंसान बच जाए, एक दूजे से आगे निकलने की होड़ दुर्घटना का कारण बन जाता है, कान में लीड, हाथ में मोबाइल, बिना हेलमेट , बिना सीट बेल्ट , लापरवाही इतनी , कि टक्कर लगने के बाद खुद अपनी गाडी सँभालने का समय नहीं मिलता, तो क्यूँ ऐसे काम करते हो, जिस से जीवन खतरे में पड़े, मरने वालों की लाश तक नहीं मिलती, एक गठरी में मृत शरीर को पोस्ट मॉर्टम के लिए भेज दिया जाता है, बस रह जाता है रोना पीटना और अफ़सोस करना !
बड़े घर के लोग बड़ी बातें , बुलेट , ऊँचे कीमत की कारें , जीपें , अपने स्टेटस को किसी के आगे काम नहीं होने देना, एक पल लगता है जान निकलने में , हेलमेट को बाइक के साथ बाँध कर चलते है, पुलिस न देख ले चालान न कर दे, फट से निकाल के फिर पहन लेते है, जब चौपला पार हुआ, फिर उत्तार देते हैं, आखिर किस की आँखों में धुल झोंक रहे हो, पुलिस तो बस चालान करेगी, टक्कर होने के बाद कौन बचाएगा, अस्पताल के डाक्टर भी हाथ खड़े कर देना, माँ बाप का पैसा तक खत्म हो जाएगा !
आज युवा पीढ़ी को बहुत सँभलने की आश्यकता है, राष्ट्र के निर्माण में युवा पीढ़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है, अगर युवा पीढ़ी ही निकम्मी निकल जाए , तो देश बर्बाद होने लगता है, घर बर्बाद होने लगते हैं, माँ बाप तक किसी दूसरे के मोहताज हो जाते है, उनके और युवा वर्ग के बने सपने पल भर में शून्य हो जाते हैं, इस लिए इस लेख से बस इतना सबक लो, अपनी गति को धीमा रखो, आगे निकलने की जल्दबाजी कभी मत करो, यातायात के नियम जो भी हैं, उनका पालन पूरी निष्ठां के साथ करो, तभी आप और दूसरे अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुँच पाएंगे , अन्यथा मौत हमेशां इंतजार करती है, आपकी गलती हो, और उस गलती का खामियाजा सिर्फ और सिर्फ – मौत ही होगी, यह मंजर बड़ा दुखदाई होता है, न जाने मरने वाले के साथ और कितने लोग जीवन का साथ छोड़ दें !
अजीत कुमार तलवार
मेरठ